मशहूर प्‍लेबैक सिंगर भूपिंदर सिंह का 82 साल में सोमवार को निधन हो गया, महान कलाकार भुलाया नहीं जा सकता

जमुई से अमित कु सविता की रिपोर्ट

18 जुलाई: मशहूर प्‍लेबैक सिंगर भूपिंदर सिंह का 82 साल में सोमवार को निधन हो गया। गायक के निधन की खबर सुन पूरा संगीत जगत शोक में डूबा हुआ है। भूपिंदर सिंह ने एक से एक बढ़कर हिंदी सिनेमा जगत को गाने दिए। जिसके लिए वो हमेशा याद किए जाते रहेंगे।

भूपिंदर सिंह वो गायक हैं जिन्‍होंने किशोर कुमार और मोहम्‍मद रफी जैसे दिग्गज गायकों के साथ युगल गीत गाए हैं। भूपिंदर सिंह ने सत्ते पे सत्ता, आहिस्ता आहिस्ता, दूरियां और हकीकत संग कई फिल्मों के गानों को अपनी आवाज दी थी।

एक दशक के लंबे करियर में भूपिंदर सिंह ने कई हिट क्लासिक्स जैसे दो दीवाने शहर में…. होके मजबूर चला….मुझे उसे बुलाया होगा, आने से उसके आए बहार…. किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी है… बीते ना बिताए रैना….दिल ढूंढता है….. नाम गुम जाएगा….एक अकेला इस शहर में…हुजूर इस कदर भी ना इतरा के चलिये…, जिंदगी मिलकर बिजाएंगे… समेत कई सुपरहिट गाने दिए। जिनके लिए वो हमेशा याद किए जाते रहेंगे।पंजाब के अमृतसर में जन्‍में भूपिंदर सिंह के परिवार का संगीत से गहरा नाता था। उनके पिता संगीत के प्रोफेसर थे वहीं उनके भाई वादक थे।

शुरूआत में भूपिंदर गायकी को अपना करियर नहीं बनाना चाहते थे क्‍योंकि उन्‍हें लगता था कि उनके परिवार में सब संगीत से जुड़े हुए हैं तो उनका उतना सम्‍मान नहीं होगा लेकिन गिटार हवाईयन गिटार उठाया, और उस पर सबसे कठिन फिल्मी गाने और शास्त्रीय संगीत बजाना शुरू कर दिया। भूपिंदर ने खुद कहा था कि मुझे लगता है कि मैंने गिटार की वजह से फिर से गाना शुरू कर दिया।

भूपिंदर सिंह ने अपने संगीत करियर की शुरूआत दिल्‍ली ऑल इंडिया रेडियो से की वहां वो परफार्म करते थे।1962 में म्‍युजिक डॉयरेक्‍टर मदन मोहन ने दिल्‍ली में एआईआर प्रोड्यूसर की एक पार्टी में उन्‍हें गाना गाते सुना और मुंबई बुलाया। मदन मोहन उनके गाने से इतने प्रभावित थे कि उन्‍होंने होके मजबूर उसने मुझे बुलाया होगा ….गाना मोहम्‍मद रफी, तलत महमूद और मन्‍ना डे के साथ गाने का मौका दिया। फिल्‍म हकीकत के गाने को लोगों ने खूब पसंद किया था।

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